Monday, 16 January 2023

कश्मीर में ठंड का कहर, ज्यादातर जगहों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट

कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि क्षेत्र में मौसम शुष्क बना रहा. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि शुष्क मौसम के कारण रविवार रात घाटी के अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान में कमी आई. उन्होंने बताया कि श्रीनगर में रविवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे था. घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान में लगभग पांच डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जो शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.

दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस नीचे था. अधिकारियों ने बताया कि सीमांत जिले कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.

ये भी पढ़ें- भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामले घटकर 2119 हुए, चीन में हालात बेकाबू

अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 10.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. पहलगाम वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर के रूप में भी काम करता है. बारामूला जिले के प्रसिद्ध स्की-रिसॉर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान रविवार रात शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो इससे पिछली रात शून्य से 10.4 डिग्री सेल्सियस नीचे था. यह रिसॉर्ट जम्मू और कश्मीर में सबसे ठंडा दर्ज किया गया स्थान था.

मौसम विज्ञान कार्यालय ने कहा कि 18 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा. उस समय तक रात के तापमान में और कमी आएगी. इसने कहा, कि कुछ पश्चिमी विक्षोभ के 19 से 25 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर को प्रभावित करने की संभावना है.

19-21 जनवरी तक मौसम में बादल छाए रहेंगे और मुख्य रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश/बर्फबारी की संभावना है. हालांकि, इसने कहा कि 22 जनवरी की रात से 24 जनवरी की पूर्वाह्न तक बहुत तेज बारिश होगी और कश्मीर के मैदानी इलाकों में हल्के से मध्यम हिमपात (जम्मू में बारिश के साथ) और मध्यम तथा अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम हिमपात होने की संभावना है.

कश्मीर वर्तमान में 'चिल्लई कलां' की चपेट में है. इस 40 दिनों की सबसे कठोर मौसम अवधि में बर्फबारी की संभावना अधिक होती है. चिल्लई कलां 21 दिसंबर से शुरू होता है और 30 जनवरी को समाप्त होता है. इसके बाद भी शीत लहर जारी रहती है और इसके बाद 20 दिन लंबा 'चिल्लई खुर्द' और 10 दिन लंबा 'चिल्लई बच्चा' चलता है.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/ho8sVU9

Labels: ,

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home